प्रकाशक : साहित्य सहकार , २९/६२ , गली न. -११ , विश्वाश नगर , दिल्ली - ११००३२
मूल्य :१५ रुपया , संस्करण : २००१ .
इस पुस्तक में ३ एकांकी हैं - छोटे मास्टर जी , मजे आ गए गाँव में , हुर्रे हुर्रे दीवाली है .
सुदर चित्र और आवरण एस सबूर ने बनाया है . भूमिका हिंदी के प्रख्यात एकांकीकार विष्णु प्रभाकर ने लिखी है . उन्होंने लिखा है- ऐसे छोटे छोटे नाटक पाठशालाओं में बहुत उपयोगी हो सकते हैं . ...और साक्षरता आंदोलनों के लिए तो ऐसे नाटकों की और भी आवश्यकता है .
इस पुस्तक के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान , लखनऊ द्वारा १४ सितम्बर २००५ को सर्जना पुरस्कार प्राप्त हो चुका है .
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