नन्ही सी सौम्या . पढ़ती थी कक्षा एक में . अक्सर जब स्कूल से लौटती तो कहती - मम्मी .. मम्मी मेरी कापी खो गयी . कोइ उस पर हँसता तो कोइ उसे चिढ़ाता . पर बेचारी करे क्या ..?
तो एक दिन तो उसके पापा को गुस्सा आ ही गया . वे बोले - " देख सौम्या , अगर फिर तूने कापी खोई तो मैं तुझे पंखे में उल्टा लटका दूँगा ."
बेचारी सौम्या , वह तो डर के मारे मम्मी की गोद में जा दुबकी .
तो सुनो आगे की बात , कुछ दिन के बाद जब एक दिन सौम्या स्कूल से लौटी तो बहुत खुश होकर बोली - "पापा , पापा . हमें पंखे में मत लटकाना . ... मैंने कापी नहीं खोई . "
पापा ने चहक कर उसे अपनी गोद में उठा लिया . अरे वाह . ...रानी बिटिया हो गयी सौम्या .
2 टिप्पणियां:
सुन्दर एवं रोचक कहानी . फोटो में शैतानी झलकती है . अच्छा है .
कहानी में भोलापन है और नटखट पन भी .बधाई .
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