बाबा! बाबा! कंडा दो दादी! दादी! कंडा दो बड़के चाचा! कंडा दो मँझली चाची! कंडा दो भैया! भैया! कंडा दो भौजी! भौजी! कंडा दो पचक लगी, पचकंडा दो, होली आई, कंडा दो! कंडा दो जी कंडा दो, हाँ, हाँ जल्दी कंडा दो! अगर न कंडा, लट्ठा दो लकड़ी का वह गट्ठा दो, कुछ तो देना ही होगा, चाहे छोटा डंडा दो। कंडा दो जी, कंडा दो, पचक लगी, पचकंडा दो! कंडे खूब जलाएँगे, होली खूब मनाएँगे, हिल-मिल नाचे-गाएँगे, जोर-जोर चिल्लाएँगे- ‘होली है जी, होली है हम मस्तों की टोली है करती खूब ठिठोली है, बुरा न मानो होली है।’ लेकिन भैया! देर नहीं, दो, होली का चंदा दो। कंडा दो जी, कंडा दो, पचक लगी, पचकंडा दो। जले होलिका धू-धू-धू हम सब उछलें, हू-हू-हू दहन होलिका बने अजब, जो देखे, सो कहे-गजब! मिलकर घूमें, चारों ओर होली है।’ का हो बस शोर, फिर हो रंगों की बौछार, पिचकारी से बरसे प्यार। नया रंग होली पाए, इसे नया तुम फंडा दो। कंडा दो जी, कंडा दो, होली आई, कंडा दो। |
गुरुवार, 17 मार्च 2011
होली आई : बालगीत : डा. नागेश पांडेय ' संजय '
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11 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर बाल गीत...बचपन फिर ताज़ा कर दिया..होली की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत सुन्दर ....होली की हार्दिक शुभकामनायें
बेहतरीन...
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
पुराना ज़माना याद आ गया ...उम्दा प्रस्तुति ..
सुंदर होली गीत ,
सुरक्षित , शांतिपूर्ण और प्यार तथा उमंग में डूबी हुई होली की सतरंगी शुभकामनायें ।
bahut sundar baal - get...
holi ki shubhkamnaye.
अभिनव सृजन की ओर से आप सब को होली की हार्दिक शुभकामनायें
holi hi kanda do kavita achi lagi
सूंदर गीत। बधाई सर।
सूंदर गीत। बधाई सर।
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