यही बेहतर, चुप रहे हम !
कुछ कदम बस साथ चलकर,
रास्ते बँट जाएँगे।
तुम कहाँ जाओगे साथी!
हम कहाँ रह जाएँगे।
हैं अलग मंजिल हमारी,
भावना में मत बहें हम!
सच कहूँ तो बिछड़ने की
बात मुझको सालती है,
जिंदगी भर के लिए डर-सा
हृदय में पालती है।
दर्द ये हमने बढ़ाए,
दर्द अब खुद ही सहे हम!
जानता हूँ नेह-पथ पर
सभी सुख पाते कहाँ हैं!
जिंदगी है गीत, उसको
सभी गा पाते कहाँ हैं !
पर करें कोशिश, निभाएँ
बने रिश्ते अनकहे हम!
जानता हूँ नेह-पथ पर
जवाब देंहटाएंसभी सुख पाते कहाँ हैं!
जिंदगी है गीत, उसको
सभी गा पाते कहाँ हैं !
पर करें कोशिश, निभाएँ
बने रिश्ते अनकहे हम!.....बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति....आभार